इंडियन क्रिकेट में ‘दीवार’ के नाम से मशहूर राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) को हमेशा से ही एक परफेक्ट टेस्ट खिलाडी माना जाता रहा है. वर्ल्ड क्रिकेट में उनके डिफेन्स से हर कोई गेंदबाज़ परेशान हो जाता था. लम्बी लम्बी पारियाँ खेल पर विरोधी टीम को घटने टेकने पर मजबूर करने वाले द्रविड़ को इंडियन टीम के सबसे ज्यादा शांत और संयम रखने वाले खिलाडियों में से एक माना जाता है.

सिर्फ टेस्ट ही नहीं वनडे क्रिकेट में भी वो इंडियन टीम के मिडिल आर्डर की मजबूत कड़ी के तौर पर जाने जाते है. टेस्ट और वनडे क्रिकेट में 10 हज़ार से ज्यादा रन बनाने वाले वो चुनिन्दा बल्लेबाजों में से एक है. मौजूदा समय में टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने अभिनव बिंद्रा के पॉडकास्ट में काफी बड़ा बयान देते हुए मजेदार किस्सा भी शेयर किया.

मैं कभी सचिन सहवाग नहीं बन पाया – Rahul Dravid

Rahul Dravid

द्रविड़ (Rahul Dravid) ने गोल्ड मेडेलिस्ट अभिनव बिंद्रा के पॉडकास्ट ‘इन द जोन’ पर बात करते हुए कहा की वो कभी सहवाग या सचिन की तरह खुलकर बल्लेबाज़ी नहीं कर पाए लेकिन उन्होंने दबाव में अच्छे प्रदर्शन का रास्ता खुद ही खोजा है. उन्होंने आगे कहा, “ईमानदारी से कहूँ तो मैं वीरू (वीरेंद्र सहवाग) जैसा कभी नहीं बनने वाला था. उन्हें अपने व्यक्तित्व के कारण स्विच ऑफ करना बहुत आसान लगा. मैं उस स्तर तक कभी नहीं पहुंचने वाला था. लेकिन मैंने लाल झंडों को पहचानना शुरू कर दिया, मुझे एहसास हुआ कि कब मैं बहुत तीव्र हो रहा था. मुझे पता था कि मुझे इसे बंद करने का एक तरीका खोजने की जरूरत है, लेकिन यह उस चीज का मानसिक पक्ष था जिसे आपको खुद की मदद करने की आवश्यकता थी.”

इससे मुझे बहुत मदद मिली – राहुल द्रविड़

पॉडकास्ट पर बात करते हुए राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने बताया की कैसे उन्होंने अपने आप को बेहतर बनाने के लिए वो काफी एक्स्ट्रा मेहनत करते है और अपनी मानसिक ऊर्जा को खेल में ही इस्तेमाल करने का रास्ता खोजते थे. उन्होंने आगे कहा, “यह आपके लिए नीचे आया कि यह आपके लिए उतना ही महत्वपूर्ण था जितना कि वे अतिरिक्त जिम और अभ्यास सत्र में घंटे. यदि आपने वह सब किया लेकिन मानसिक रूप से स्विच ऑफ करने में असमर्थ थे, तो आपके पास खेल खेलने के लिए पर्याप्त ऊर्जा नहीं होगी. एक बार जब मैंने अपने करियर में तीन या चार साल को पहचानना शुरू कर दिया, तो मैंने बहुत अधिक स्विच ऑफ करने का प्रयास शुरू कर दिया और इससे मुझे बहुत मदद मिली.”

सचिन के अलावा टेस्ट और वनडे क्रिकेट में दस हज़ार रन का आंकड़ा पार करने वाले दूसरे भारतीय बल्लेबाज़ राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने आगे कहा, “जैसे-जैसे मेरा करियर आगे बढ़ा, मुझे एहसास हुआ, मैं कभी भी ऐसा नहीं बनने वाला था जो सहवाग की तरह जल्दी स्कोरिंग करेगा या शायद सचिन की तरह एक हद तक. मुझे हमेशा धैर्य की आवश्यकता थी. मुझे मेरे और गेंदबाज के बीच की प्रतियोगिता पसंद थी, मैंने इसे आमने-सामने की प्रतियोगिता बनाने की कोशिश की. मैंने पाया कि इससे मुझे थोड़ा और ध्यान केंद्रित करने में मदद मिली.”

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