क्रिकेट (Cricket) खेलने वाले हर खिलाडी का सपना होता है की वो अपने देश के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट के हर फॉर्मेट में खेले. वाइट बॉल क्रिकेट के साथ ही टेस्ट फॉर्मेट में खिलाडी का सबसे बड़ा इम्तिहान होता है. एक टेस्ट मैच खिलाडी में रनों की भूख होने के साथ-साथ अपना विकेट ना खोने का और क्रीज़ पर टिके रहने का धैर्य भी होना बहुत जरूरी है.

कुछ खिलाडी ऐसे भी है जो वाइट बॉल क्रिकेट (ODI और T20) में काफी कमाल का प्रदर्शन करते हुए नज़र आते है लेकिन जब बात आती है क्रिकेट के सबसे लम्बे फॉर्मेट की तो उनका प्रदर्शन उनके नाम के अनुरूप नहीं दिखाई देता है. तो चलिए आज बात करते है पांच ऐसे ही खिलाडियों के बारे में वो वनडे क्रिकेट में तो हिट साबित हुए है लेकिन टेस्ट क्रिकेट (Test Cricket) में प्रदर्शन उनका बेहतर नहीं दिखाई देता है.

1. आरोन फिंच

ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट (Australia Cricket) का एक बड़ा नाम आरोन फिंच इस लिस्ट में सबसे पहले नंबर पर अपनी जगह बनाते है. मिडिल आर्डर बैट्समेन के तौर पर अपना क्रिकेट करियर शुरू करने वाले फिंच टीम के सबसे धाकड़ सलामी बल्लेबाजों में से एक है. फिंच के वाइट बॉल क्रिकेट के आंकड़े देखे तो उन्होंने 140 वनडे मैचों में 5375 रन 40 से भी ज्यादा के एवरेज से बनाये है. टी20 क्रिकेट में भी वो 35 से ज्यादा एवरेज से 92 मैचों में 2855 रन बनाये है.

वाइट बॉल क्रिकेट (White Ball Cricket) में उनका आंकड़ा जितना अच्छा है टेस्ट मैच में वो एक दम बदल जाता है. टेस्ट मैच में फिंच केवल 5 टेस्ट मैच ही खेल पाए है जिसमें उनके बल्ले से सिर्फ 278 रन निकले है. टेस्ट मैच में फिंच की आक्रामक बल्लेबाज़ी उतनी सफल होती नहीं दिखाई देती है और वो तेज़ खेलने के चक्कर में गलत शॉट खेल कर अपना विकेट गँवा देते है.

2. युवराज सिंह

इंडियन क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) में अगर वनडे वर्ल्ड कप की जीत को याद किया जाता है तो उसमें धोनी के छक्के के बाद युवराज सिंह का प्रदर्शन सबसे जेहन में आता है. युवराज ने इंडियन क्रिकेट में एक बेहतरीन आलराउंडर की भूमिका निभाई है. टी20 वर्ल्ड कप में ब्रॉड के एक ओवर में छह छक्के भला कौन ही भूल सकता है.

वनडे क्रिकेट में 304 मैच खेल कर 8701 रन और 111 विकेट अपने नाम करने वाले युवराज सिंह टेस्ट क्रिकेट में उतना बेहतर प्रदर्शन करते हुए दिखाई नहीं देते है जितना उनमें प्रतिभा है. टेस्ट मैच में युवराज सिंह ने सिर्फ 40 मैच में ही हिस्सा लिया है. 40 मैचों में उनके नाम सिर्फ 1900 रन दर्ज है. भले ही वो इंटरनेशनल टेस्ट क्रिकेट में 3 शतक और 11 अर्धशतक लगा चुके है लेकिन वो कभी भी एक टेस्ट प्लेयर के रूप में नज़र नहीं आये है.

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3. सुरेश रैना

भारतीय टीम के सबसे बेहतरीन मिडिल आर्डर बल्लेबाजों में से एक सुरेश रैना को उनकी बल्लेबाज़ी और फील्डिंग के लिए जाना जाता है. रैना एक पार्ट टाइम बॉलर के तौर पर भी काफी मौकों पर विकेट झटकते हुए नज़र आये है. इंडियन टीम के लिए रैना ने 226 वनडे खेले है जिसमें उनके नाम 5615 रन बनाये है. इस दौरान उनके बल्ले से पांच शतक और 36 अर्धशतक भी निकले है. टी20 इंटरनेशनल में वो इंडिया की तरफ से शतक बनाने वाले चुन्निदा बल्लेबाजों में से एक है.

लेकिन जब टेस्ट क्रिकेट (Test Cricket) की बात आती है तो सुरेश रैना का नाम उतना शानदार नहीं चमकता जितना उनसे उम्मीद की जाती है. रैना ने इंडिया के लिए वाइट बॉल जितना अधिक खेला है उतना ही कम उन्होंने टेस्ट क्रिकेट खेला है. रैना ने बहले ही अपने टेस्ट डेब्यू में शतक जड़ा था लेकिन अपने पूरे करियर में रैना ने सिर्फ 18 ही टेस्ट मैच खेल पाएँ है. इन 18 मैचों की 31 पारियों में उन्होंने 768 रन ही बनाये है.

4. इयोन मॉर्गन

इंग्लैंड के एकलौते वनडे वर्ल्ड कप कैप्टन इयोन मॉर्गन का नाम भी इस लिस्ट में आता है. मॉर्गन ने अपने करियर की शुरुआत साल 2006 में की थी. इंग्लैंड के इतिहास में वो सबसे सफल कप्तानों में से एक कहे जाते है. मॉर्गन ने इंग्लैंड की टीम के लिए वाइट बॉल क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया है. 248 वनडे मैच खेलने वाले इयोन मॉर्गन ने दो शतक और 47 अर्धशतक के साथ 7701 रन बनाये है.

पर अगर हम मॉर्गन ने टेस्ट क्रिकेट (Test Cricket) में प्रदर्शन की बात करे तो मॉर्गन ने इंग्लैंड के लिए सिर्फ 16 मैच खेले है. 16 मैच की 24 पारियों उनके बल्ले से सिर्फ 700 रन ही निकले है. वाइट बॉल क्रिकेट में इंग्लैंड की कप्तानी करने वाले मॉर्गन टेस्ट क्रिकेट में प्लेयिंग XI में ही जगह नहीं बना पाते है.

5. ग्लेन मैक्सवेल

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ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट (Cricket Australia) में बिग शो के नाम से मशहूर ग्लेन मैक्सवेल को मैदान पर बल्लेबाजी करते हुए देखना दर्शकों को काफी अच्छा लगता है. मैच में ताबड़तोड़ मैक्सवेल  काफी बड़े बड़े छक्के लगाने के लिए मशहूर है. दुनिया भर की टी20 लीग में उनका प्रदर्शन बेहतरीन रहा है. स्विच हिट मारने में भी भी माहिर खिलाडी है. लेकिन जब बात आती है टेस्ट क्रिकेट की वो मैक्सवेल कभी भी अपने टैलेंट के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए दिखाई नहीं देते है.

जहाँ एक और मैक्सवेल ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 121 वनडे मैचों में 3390 रन 34 से भी ज्यादा की एवरेज से बनाए है और टी20 क्रिकेट में वो ऑस्ट्रेलिया के लिए तीन शतक लगाने वाले चुंनिंदा बल्लेबाजों में से एक है. वही पर टेस्ट क्रिकेट में वो कभी अपनी जगह बना ही नहीं पाएँ है. लगभग 10 साल के लम्बे करियर में मैक्सवेल सिर्फ 7 टेस्ट मैच ही खेल पाएँ है जिनकी 14 पारियों में उनके नाम 339 रन ही दर्ज है.

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