Dhoni Yuvraj: क्रिकेट जगत में हर देश की के लिए अपनी भविष्य के प्लेयर्स तैयार करने के लिए घरेलू क्रिकेट ही एक ऐसा प्लेटफार्म है जो आपको युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका देता है. जिस तरह इंग्लैंड के लिए काउंटी क्रिकेट खेला जाता है उसी तरह इंडिया में भी घरेलू क्रिकेट में रणजी ट्राफी एक ऐसा ही टूर्नामेंट है जिसको जीतने के लिए लगभग हर टीम अपनी जान लगा देती है. ऐसे ही रणजी में भी जगह बनाने के लिए खिलाडियों को अंडर 19 इवेंट में अच्छा प्रदर्शन करना होता है और जब दो इंडियन प्लेयर्स (Dhoni Yuvraj) एक दूसरे के सामने होते है तो मुकाबला और भी बेहतरीन होता है.

अगर इंडिया क्रिकेट की बात करे तो बहुत ही कम खिलाडी है जो विश्व विजेता बन चुके है. साल 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप जीता था. इस टीम का एक अहम् हिस्सा थे युवराज सिंह जिन्होंने शानदार प्रदर्शन कर टीम की खिताबी जीत में बड़ा योगदान दिया था. दोनों ही खिलाडी वर्ल्ड कप विनर रहे है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की डोमेस्टिक क्रिकेट में धोनी और युवराज एक दूसरे के खिलाफ मैच खेले थे तो उस मैच में क्या हुआ था? जानते है एक दूसरे के खिलाफ उतरे धोनी युवराज (Dhoni Yuvraj) के बीच खेले गये कूच बिहार ट्रॉफी 1999 के फाइनल मैच के बारे में:

कूच बिहार ट्रॉफी 1999-00 में आये थे पहली बार आमने सामने

Dhoni Yuvraj

साल 1999 में कूच बिहार ट्राफी के जरिये रणजी ट्राफी में जगह बनाने के लिए खिलाडी काफी मेहनत करते थे. ऐसे में इस साल भारतीय क्रिकेट टीम के शानदार प्रदर्शन कर चुके महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह (Dhoni Yuvraj) अपनी अपनी टीमों बिहार और पंजाब के लिए खेलने मैदान पर उतरे थे. इस ट्राफी में पांच जोनों में टीमों को विभाजित किया जाता है. इसमें बिहार की टीम ईस्ट जोन से और पंजाब की टीम नार्थ ज़ोन से खेलती है.

धोनी की टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मैच जीत कर फाइनल में अपनी जगह बनायीं जबकि पंजाब की टीम ने भी युवराज के शानदार प्रदर्शन के दम पर फाइनल का टिकट पक्का किया. इसके बाद 16 दिसम्बर 1999 को इस ट्राफी का फाइनल खेला गया जिसमें धोनी और युवराज (Dhoni Yuvraj) की टीमें आमने सामने थी.

धोनी ने खेली संभली हुई पारी तो युवराज ने की खूब पिटाई

चार दिवसीय फाइनल मैच को को खेलने उतरी युवराज सिंह की कप्तानी वाली पंजाब और धोनी की बिहार की टीम के बीच टॉस बिहार ने जीता और पहले बल्लेबाज़ी का फैसला लिया. पहली पारी में बिहार की टीम ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया और पहले दिन 5 विकेट खोकर 245 रन का बड़ा स्कोर बना लिया था. टीम के सलामी बल्लेबाज़ रतन कुमार ने 361 बॉल्स में 99 रन की बहुत ही धीरे पारी खिली वही पर मिडिल आर्डर के फ्लॉप होने पर महेंद्र सिंह धोनी ने टीम को संभाला और 84 रन बेहद अहम पारी खेल कर विकास कुमार (52 रन, 120 गेंद) के साथ टीम को दूसरे दिन 357 रन के बड़े स्कोर तक पहुँचाया.

357 रन का पीछा करने उतरी पंजाब की टीम ने काफी संभली हुई शुरुआत की. टीम के अलावा बल्लेबाज़ मनीष शर्मा (292 गेंद, 95 रन) और रिक्की (84 गेंद, 33 रन) ने टीम के स्कोर को 60 रन पर पहुचाया. इसके बाद बल्लेबाज़ी करने वाले युवराज सिंह ने अच्छी शुरुआत की और पंजाब की टीम दूसरे दिन 108 रन पर एक विकेट के साथ वापस गयी. तीसरे दिन की शुरुआत हुई और वो दिन युवराज सिंह के नाम रहा जिन्होंने पुरे दिन बल्लेबाज़ी की और अपने स्कोर निजी स्कोर 232 तक ले गये. तीसरे पुरे दिन में बिहार की टीम को सिर्फ एक विकेट मिला वो भी मनीष शर्मा का.

चौथे दिन भी युवराज सिंह ने अपनी कप्तानी पारी को और बढ़ाते हुए फाइनल मैच में तिहरा शतक जड़ दिया. वो 404 गेंदों में 358 रन की पारी खेल कर आउट हुए. एच.काली 38 गेंदों में 40 रन तथा एम.धुपर 73 गेंदों में 66 रन बनाकर वी.महाजन के साथ अच्छी साझेदारियां की. महाजन मैच में 204 रन बनाकर अंत तक नॉट आउट रहे. मैच ड्रा रहा लेकिन पहली पारी की बढ़त की वजह से पंजाब को फाइनल मैच का विनर घोषित किया गया. युवराज सिंह को मैन ऑफ़ दी मैच का अवार्ड भी दिया गया.

Leave a comment

Your email address will not be published.