आईपीएल एक ऐसी लीग है जिसे पुरी दुनिया में पसंद किया जाता है। जहां करोड़ो रुपए खर्च कर इस लीग में खिलाड़ियों पर जमकर बोली लगाई जाती है। तो वहीं इस लीग की नकल करते हुए एक फर्जी आईपीएल (Fake IPL) का हाल ही में खुलासा हुआ है।
दरअसल ये सब आपने फिल्मी कहानी में तो जरूर देखा ही होगा, लेकिन ये घटना गुजरात के एक गांव में देखने को मिली है। जहां क्रिकेटर से लेकर अंपायर तक सब कुछ नकली है, लेकिन उस खेल पर सट्टा असली लगाया जा रहा है और वो भी विदेश से। लेकिन अब पुलिस ने इस फर्जी लीग (Fake IPL) का भंडाफोड़ कर आरोपियों को गिर्फ्त में ले लिया हैं।
गुजरात में Fake IPL का पुलिस ने किया भंडाफोड़
दरअसल गुजरात का एक गांव पिछले दिनों ‘इंडियन प्रीमियर लीग’ का वेन्यू बन गया है। जहां मजदूरों को जर्सियां पहनाकर मैदान में उतारा गया। हर मैच की 5 HD कैमरों के जरिए यूट्यूब पर IPL नाम के चैनल पर टेलिकास्टिंग होती रही। पिछले टूर्नमेंट्स के ऑडियो इफेक्ट्स डाउनलोड किए गए ताकि ये लगे कि असली IPL मैच हो रहा है। वहीं इस पूरे लीग को रियल बनाने के लिए अंपायर्स हाथों में वॉकी-टॉकी लिए पूरा मैच खिलाते नजर आए। जहां मेरठ से एक ‘कमेंटेटर’ बुलाया गया जो हर्षा भोगले की नकल करता था।
ये सब देखकर भला किसको यकीन नहीं होगा कि आईपीएल चल रहा है। वहीं इसमें विदेशी देश रूस से लोग सट्टा लगाते रहे और गुजरात का ये Fake IPL अपने ‘नॉकआउट क्वार्टरफाइनल’ स्टेज में ही पहुंचा था कि पुलिस ने भांडा फोड़ दिया।
पुलिस ने चार लोगों को किया गिरफ्तार
दरअसल इस फेक आईपीएल (Fake IPL) को असली बनाने के लिए गजब का मास्टरमाइंड खेला गया। जहां इस मैच में एक कमेंटेटर बुलाया गया, जो बिलकुल हर्षा भोगले की नकल कर उसकी आवाज में ही कमेंटी कर रहा था। हालांकि इस फेक आईपीएल का भड़ाफोड़ करते हुए पुलिस ने अब तक 4 आरोपियों को गिरफ्त कर लिया है।इसी बीच पुलिस अधिकारी भावेश राठौड़ ने कहा,
“मेहसाणा पुलिस अब तक चार लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. पुलिस चैनल की भी जांच कर रही है. दांव लगाने के लिए मशहूर रूसी पब में आठ महीने काम करने के बाद मोलीपुर लौटे “मुख्य आयोजक” शोएब दावड़ा ने इस ठगी को अंजाम देने में मदद की। शोएब ने गुलाम मसीह के खेत को किराए पर लिया और वहां लाइटें लगाई. उन्होंने 21 खेतिहर मजदूरों को प्रति मैच 400 रुपये देने का वादा किया. इसके बाद, उन्होंने कैमरामैन को काम पर रखा और आईपीएल टीमों की टी-शर्ट खरीदी”
कैसे शुरु हुआ ये Fake IPL का खेल?
बता दें शोएब नाम के आरोपी ने पुलिस को बताया कि रूसी पब में काम करने के दौरान उनकी मुलाकात आसिफ मोहम्मद से हुई थी, जो इस चोर का मास्टरमाइंड था। बता दें आसिफ ने पब में रूसी सट्टेबाजों को क्रिकेट की बारीकियों से रूबरू कराया। एक बार वापस मोलीपुर में शोएब ने सादिक दावड़ा, साकिब, सैफी और मोहम्मद कोलू के साथ मिलकर काम किया, जिन्होंने नकली आईपीएल मैचों में अंपायर की भूमिका निभाई थी। वहीं मेरठ के रहने वाले साकिब ने स्वेच्छा से कमेंटेटर बनना चाहा।
टेलीग्राम चैनल पर चलता था सट्टा
वहीं इस कड़ी में पुलिस अधिकारी भावेश राठौड़ ने कहा, रूस की ओर से 3 लाख रुपये के दांव की पहली किस्त अभी-अभी दी गई थी जब वे पकड़े गए थे. “शोएब टेलीग्राम चैनल पर लाइव सट्टा लगवाता था. वह अंपायर कोलू को वॉकी-टॉकी पर चौके और छक्के लगाने का निर्देश देता था. यही निर्देश कोलू बल्लेबाज और गेंदबाज को देता था. इसको लेकर गेंदबाज धीमी गति से गेंद फेंकता था जिससे बल्लेबाज उस पर चौका या छक्का मार सकता सके.”