इंग्लैंड और भारत (ENG vs IND) के बीच तीन मैचों की टी20 सीरीज का आखिरी मुकाबला काफी रोमांचक रहा। जहां इंग्लैंड टीम ने टीम इंडिया को 17 रनों से हरा दिया। लेकिन इस मैच में मिली हार के बाद भी टीम इंडिया ने 2-1 से सीरीज अपने नाम की। वहीं टीम इंडिया की तरफ से सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) इस मैच में चमकते सितारें की तरह उभरे।
Suryakumar Yadav ने अपनी धाकड़ और ताबड़तोड़ शतकीय पारी से टीम इंडिया को संभाला लेकिन वे टीम को मैच नहीं जिता पाए। हालांकि, मैच के बाद उन्होंने कहा कि वे 19वें ओवर की बात को पूरी रात सोचते रहे कि अगर ऐसा होता तो क्या होता? आइये बताते है इस बारे में…
Suryakumar Yadav ने जड़ा अपने टी20 करियर का शानदार शतक
दरअसल इंग्लैंड और भारत (ENG vs IND) के बीच बीते दिन यानी 11 जुलाई को खेले गए तीसरे टी20 मुकाबले में भले ही टीम इंडिया ने 17 रनों से आखिरी मुकाबला हार लिया हो। लेकिन टीम इंडिया ने 2-1 से इस टी20 सीरीज को अपने नाम कर लिया है। वहीं टीम इंडिया की तरफ से रियल हीरो बनकर उभरे सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav), जिन्होंने अपनी शतकीय पारी के बदौलत टीम की पारी को संभाला और अपने टी20 करियर का पहला शतक ठोका। उन्होंने 48 गेंदों का सामना करते हुए शतक पूरा किया।
Suryakumar Yadav शतक ठोकने के बाद भी दिखें निराश
दरअसल इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टी20 मैच में टीम इंडिया की तरफ से नंबर चार पर बल्लेबाजी करने उतरे सूर्यकुमार यादव ने शतकीय पारी खेली, लेकिन वे टीम को जीत नहीं दिला पाए। हालांकि इस मैत के बाद उन्होंने कहा कि वे 19वें ओवर की बात पूरी रात भर सोचते रहे तब जाकर उन्हें ये अहसास हुआ कि उन्होंने गलत कलेकूलेशन कर लिया था। वहीं दाएं हाथ के बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव ने मैच के बाद ब्रॉडकास्टर्स से बात करते हुए कहा,
“दरअसल, मैंने कैलकुलेशन में थोड़ी गलती कर दी थी कि किसके ओवर बचे हैं, क्योंकि मैंने मोइन अली को 19वां ओवर डालते हुए देखा तो ऐसा लगा कि गेम अपनी तरफ वापस आ सकता है। मैं यही कोशिश कर रहा था कि अगर गेंद मेरी रेंज में होगी तो मैं शॉट मारूंगा। बाहर की गेंद पर बाउंड्री मारकर लास्ट ओवर तक टारगेट के नजदीक जाऊंगा।”
इसके साथ ही सूर्या ने आगे कहा, “मैं मोइन अली की पांचवीं गेंद पर बड़ा शॉट नहीं लगा सका और मैं इसके लिए निराश हूं, क्योंकि वहां एक छोटा सा मौका था इस मोमेंट पर मैच जिताने का और इससे बड़ी पारी हो जाती। हालांकि, ये सीखने के लिए अच्छी प्रक्रिया है। स्पिनर गेंद डाल रहा था और ऐसे में वहां मौका था। आखिरी दो गेंदों पर दो बड़े शॉट लगा जाते और 10 रन आ जाते तो दबाव सामने वाली टीम पर होता। ये पूरी रात मेरे सोने के समय चलता रहेगा, लेकिन कल एक नई सुबह होगी।”