भारत में क्रिकेट को एक धर्म की तरह माना जाता है, जहां लोगों में ही नहीं बल्कि बच्चों में भी क्रिकेट का बुखार देखने को मिलता है। क्रिकेट के प्रति लोकप्रियता से तो सभी वाकिफ होंगे, लेकिन Team India की तरफ से खेलने की किस्मत हर किसी की कहां होती है। बता दें जहां कई खिलाड़ियों को कड़ी मेहनत के बाद टीम में जगह मिलती है, तो वहीं कुछ खिलाड़ी इस मौके को भुनाने की जगह गंवा देते है।
वहीं अब तक ऐसे कई क्रिकेटर्स देखे गए है जो भारत के लिए कुछ मैच खेल कर गुमनाम जिंदगी जी रहे है। इसके साथ ही कुछ खिलाड़ी बस Team India में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष करते रह जाते हैं। आज हम भी आपको कुछ ऐसे ही भारतीय क्रिकेटरों के बारे में बताएंगे, जो भारतीय टीम में राजनीति की वजह से अपना करियर गंवा बैठे है।
राजनीति के चलते बर्बाद हुआ Team India के इन खिलाड़ियों का करियर
11. जयंत यादव (Jayant Yadav)
इस लिस्ट में 11वें नंबर पर है जयंत यादव का नाम, जिन्हें टीम इंडिया (Team India) की तरफ से खेलने का मौका तो जरूर मिला और इस मौके का फायदा उठाते हुए इन्होंने शानदार प्रदर्शन का नजारा भी पेश किया था। लेकिन वे ज्यादा समय तक टीम इंडिया में अपनी जगह नहीं बना पाए।
बता दें Team India के लिए खेलते हुए जयंत ने सिर्फ 4 मुकाबलों में 45.60 के औसत से 228 रन बनाए और गेंदबाजी से टीम के लिए 11 अहम विकेट लिए। लेकिन उनके स शानदार प्रदर्शन के बाद भी वे टीम में अपनी जगह नहीं बना पाए। ऐसा कहा जाता है कि भारतीय टीम में उनकी आड़ में किसी न किसी तरह की राजनीति बीच में आ गई और राजनीति के चलते उनका करियर बर्बाद हो गया।
10. वरुण आरोन (Varun Aaron)
इस लिस्ट में 10वें नंबर पर है वरुण आरोन का नाम, जो पिछले कुछ सालों तक टीम इंडिया (Team India) की तेज गेंदबाजी का भविष्य बताए जाते थे, लेकिन अब उनको लेकर भविष्यवाणी गलत साबित होती नजर आई। जहां इस समय वे गुमनामी जिंदगी गुजार रहे है। बता दें वरुण आरोन को Team India की तरफ से खेलने का मौका मिला था। उन्होंने सिर्फ 9 टेस्ट मैच ही खेले, जिसमें उन्होंने इकोनॉमी रेट से रन लुटते हुए कुल 18 विकेट अपने नाम किए।
इसके अलावा अगर बात करें वरूण आरोन के प्रथम श्रेणी मैचों के रिकॉर्ड की तो बता दें उन्होंने 63 मैच में तेज तर्रार गेंदबाजी करते हुए 167 विकेट अपने नाम किए। हालांकि इन प्रदर्शन को चयनकर्ताओं ने नजरअंदाज कर दिया और उन्हें मौका देना बंद कर दिया। ऐसे में उनका करियर तेज गति से चलने की बजाए बर्बाद हो गया। लेकिन आज भी इस बात का पता नहीं चल पाया है कि शानदार प्रदर्शन के बावजूद उनको लगातार नजरअंदज क्यों किया गया?
9. सुब्रमणयम बद्रीनाथ (Subramaniam Badrinath)
इस लिस्ट में 9वें स्थान पर है Team India की तरफ से महज दो टेस्ट मैच खेलने वाले खिलाड़ी सुब्रमणयम बद्रीनाथ का नाम, जिन्होंने अपने करियर में एक अर्धशतक के साथ कुल 63 रन बनाए हैं। वहीं उन्होंने टीम के लिए 7 वनडे मैच भी खेले हैं। बता दें सुब्रमणयम बद्रीनाथ का नाम रन मशीन क्रिकेटरों में आता है। जो घरेलु क्रिकेट में तमिलनाडु टीम की ओर से खेलते है। इनका करियर भी कुछ खास कमाल का नहीं रहा।
लेकिन, हम आपको बता दें कि ये खिलाड़ी पांच दिवसीय मैचों का ज्यादा अच्छा खिलाड़ी है। दरअसल घरेलू मैचों में प्रदर्शन कर अपनी छाप छोड़ने वाले बद्रीनाथ ने 145 प्रथम श्रेणी मैचों में 32 शतक और 45 अर्धशतकों के साथ कुल 10,245 रन बनाए हैं। इसके बावजूद उन्हें और मौके नहीं दिए गए और ऐसे में धीरे-धीरे उनका करियर बर्बाद होता गया। इस समय वे गुमनामी जिंदगी गुजार रहे हैं।
8.अभिमन्यु मिथुन (Abhimanyu Mithun)
इस लिस्ट में 8वें नंबर पर है अभिमन्यु मिथुन का नाम, जिन्हें घरेलू क्रिकेट में पदार्पण करने के सिर्फ 10 हफ्ते के बाद ही टीम इंडिया का टिकेट मिल गया। बता दें अभिमन्यु को टेस्ट मैचों के लिए चुन लिया गया था। साल 2009-10 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ Team India में चुने गए अभिमन्यु मिथुन को टीम के लिए सिर्फ चार ही टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला है। जिसमें उन्होंने 120 रन बनाने के साथ ही 9 विकेट भी झटके थे। इस शानदार प्रदर्शन के बाद भी सेलेक्टर्स ने उन्हें लगातार नजरअंदाज किया और धीरे-धीरे उनका करियर बर्बाद हो गया। फिलहाल वह भी गुमनामी जिंदगी जीने पर मजबूर है।
7.जयदेव उनादकट (Jaydev Unadkat)
इस लिस्ट में 7वें नंबर पर है Team India के लिए 1 टेस्ट के साथ ही 7 वनडे और 10 टी20 मैचों में शिरकत कर चुके जयदेव उनादकट का नाम जो काफी लंबे समय से टीम इंडिया (Team India) से बाहर चल रहे हैं। बता दें उन्होंने साल 2018 में अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था। रणजी ट्रॉफी के 2019-20 के सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लेने के बावजूद पिछले साल ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड दौरे के लिए उनका चयन नहीं हुआ था। जयदेव उनादकट के प्रदर्शन के दम पर ही सौराष्ट्र 2019-20 में रणजी चैंपियन बनी थी। उन्होंने 28.2 की औसत से 68 विकेट लिए थे।
6.आर विनय कुमार (Ranganath Vinay Kumar)
इस लिस्ट में छठ्ठे नंबर पर है कर्नाटक के रणजी कप्तान आर विनय कुमार का नाम, जिन्हें भी भारतीय टीम (Team India) के लिए सिर्फ एक टेस्ट मैच खेलने के बाद फिर कभी नहीं खेल पाए। जिस एक टेस्ट मैच में उन्हें खेलने का मौका मिला था, उसमें उन्होंने पर्थ के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के माइकल हसी का विकेट लिया था। विनय कुमार ने अपने प्रथम श्रेणी मैचों में कुल 504 विकेट झटके हैं। ऐसा कहा जाता है कि अगर उन्हें Indian टीम में मौका मिला होता तो वो बहुत बड़ा फैक्टर साबित हो सकते थे।
5.स्टुअर्ट बिन्नी (Stuart Binny)
इसके बाद अगले नंबर पर है Team India के लिए एक आलराउंडर खिलाड़ी के तौर पर खेलने वाले स्टुअर्ट बिन्नी का नाम, जिन्हें सिर्फ 6 ही टेस्ट मैच खेलने का मौका मिल सका है। जिसमें उनके नाम एक अर्धशतक के साथ 194 रन और 3 विकेट दर्ज हैं। वहीं कर्णाटक के लिए घरेलू क्रिकेट में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया है। 95 प्रथम श्रेणी मैचों में 4796 रन बनाने और 148 विकेट अपने नाम करने वाले बिन्नी को ज्यादा मौके नहीं दिए गए। साथ ही अब उनकी टीम में वापसी भी बहुत मुश्किल लगती है।
4.पंकज सिंह (Pankaj Singh)
वहीं अगले नंबर पर है राजस्थान के दाएं हाथ के मध्यम गति के तेज गेंदबाज पंकज सिंह ने भी Team India के लिए 2 टेस्ट मैच खेले, जिसमें वो सिर्फ दो ही विकेट ले सके थे। लेकिन, अब वह भारतीय टीम में जगह बनाने को लेकर संघर्ष ही कर रहे है। जबकि अगर उनके घरेलू मैचों के प्रदर्शन पर नजर डाली जाए तो उन्होंने अपनी गेंदों से तहलका मचा दिया है। जिसमें मात्र 117 मैचों में ही उन्होंने 472 विकेट अपने नाम किए हैं।
3. अभिनव मुकुंद (Abhinav Mukund)
इसके साथ ही तीसरे नंबर पर है अभिनव मुकुंद का नाम, जिन्हें घरेलू क्रिकेट में बेहद रन बनाए और सिलेक्टर्स को काफी प्रभावित भी किया है। जिसके चलते उन्हें साल 2011 में भारतीय टेस्ट टीम (Team India) में बतौर ओपनर के रूप में चुना गया था। यहां भी अभिनव से उम्मीद थी कि अभिनव खूब रन बनाएंगे और भारत के लिए एक सफल ओपनर के रूप में निखरकर आएंगे, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया।
अभिनव मुकुंद ने सबकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया और वह भारतीय टीम के लिए अच्छे रन बनाने में पूरी तरह से फेल हो गए। बता दें अभिनव ने भारत के लिए कुल 7 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें वह केवल 320 रन ही बना पाए। अभिनव मुकुंद के खराब प्रदर्शन के चलते टीम इंडिया (Team India) के टेस्ट स्क्वाड से उन्हें बाहर कर दिया गया।
2.अमित मिश्रा (Amit Mishra)
इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर है अमित मिश्रा का नाम, जिन्होंने अपने इंटरनेशनल क्रिकेट करियर का आगाज़ एमएस धोनी से भी पहले किया था। लेकिन 15 साल के इंटरनेशनल करियर में सिर्फ 22 टेस्ट और 36 वनडे खेलने को मिले हैं. टीम इंडिया में फिलहाल कोई ऐसा खिलाड़ी नहीं है जिसने अमित मिश्रा से पहले अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया हो।
1.कर्ण शर्मा (Karn Sharma)
आईपीएल से अपनी पहचान पाने वाले कर्ण शर्मा को भी Team India की जर्सी मिली थी। लेकिन, कर्ण शर्मा का भी टेस्ट करियर सिर्फ एक मैच में ही थम गया। जिसमें अपनी गुगली गेंदबाजी से उन्होंने एडिलेड की पिच पर ऑस्ट्रेलिया के चार विकेट झटके थे। साथ ही अगर उनके घरेलू मैचों को देखा जाए तो वो 196 विकेट ले चुके हैं। बावजूद इसके कर्ण शर्मा को एक के बाद फिर दूसरे टेस्ट मैच में नहीं आजमाया गया।