वनडे क्रिकेट में इन दिनों संन्यास का ट्रेंड शुरु हुआ है, जहां पहले बेन स्टोक्स ने वनडे क्रिकेट से संन्यास लेकर सभी को हैरान कर दिया, तो वहीं अब टीम इंडिया के ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) भी बेन स्टोक्स की राह पकड़ते हुए नजर आ सकते है। बता दें हाल ही में टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) को लेकर एक बड़ा दावा पेश किया है। उनका मानना है कि हार्दिक पांड्या अगले साल होने वाले वर्ल्ड कप के बाद वनडे क्रिकेट से संन्यास ले सकते है।
Hardik Pandya को लेकर रवि शास्त्री का बड़ा दावा
दरअसल हाल ही में इंग्लिश ऑलराउंडर बेन स्टोक्स के वनडे इंटरनेशनल से संन्यास लेने के बाद से क्रिकेट जगत में हलचल मची हुयई है। जहां बेन स्टोक्स को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि दूसरे खिलाड़ी भी उनकी राह पकड़ते हुए वनडे क्रिकेट को अलविदा कह सकते हैं। हाल ही में भारतीय टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने एक बड़ा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि टीम इंडिया के ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) अगले साल भारत में होने वाले विश्व कप के बाद वनडे से संन्यास ले सकते हैं। उनके मुताबिक हार्दिक अपना ध्यानटी20 क्रिकेट पर लगा सकते है। उन्होंने कहा,
‘टेस्ट क्रिकेट हमेशा महत्वपूर्ण बना रहेगा. खिलाड़ी अब पहले से ही चुनने लगे हैं कि वह कौन से प्रारूप खेलना चाहते हैं. हार्दिक पंड्या को ही ले लीजिए जो टी20 क्रिकेट खेलना चाहते हैं। हार्दिक के मन में ये बात साफ है कि वो और कुछ नहीं खेलना चाहते हैं। वो 50 ओवर का क्रकेट खेलेंगे क्योंकि अगले साल भारत में विश्व कप है। उसके बाद आप इन्हें 50 ओवर से जाते हुए भी देख सकते है। आप दूसरे खिलाड़ियों के साथ भी ऐसा होते हुए देखेंगे।
‘भविष्य में फ्रेंचाईजी क्रिकेट रहेगी हावी’
बता दें पूर्व कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने इसके साथ ही ये भी कहा कि फ्रेंचाइजी क्रिकेट भविष्य में हावी रहेगा। क्रिकेट के रिजल्ट को देखना होगा, खासतौर पर द्विपक्षीय क्रिकेट क्योंकि क्रिकेटरों को वैश्विक घरेलू लीग में खेलने से कोई रोक नहीं रहा है। जब तक दुनिया भर के बोर्ड अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कटौती का फैसला नहीं करते, क्रिकेटर्स कुछ फॉर्मेट से संन्यास लेना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा,
‘फ्रेंचाइजी क्रिकेट दुनिया भर में राज करने वाली है. फिर आपके पास अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कैसे होगा? आपको वॉल्यूम में कटौती करनी होगी. आपको द्विपक्षीय क्रिकेट में कटौती करनी होगी और उस दिशा में जाना होगा. आप खिलाड़ियों को अलग-अलग फ्रेंचाइजी के लिए खेलने से कभी नहीं रोक पाएंगे’