R. Ashwin: आज के समय में अगर हम किसी क्रिकेट फैन से पूछे की कौन सा फॉर्मेट उन्हें ज्यादा पसंद है तो ज्यादा चांस है की आपको टी20 फॉर्मेट का नाम ही सुनने को मिले. इसका सबसे बड़ा कारण है की टी20 क्रिकेट वनडे मैच के मुकाबले काफी जल्दी समाप्त हो जाता है. ऐसे में इंडियन क्रिकेटर आर. अश्विन हाल फिलहाल में क्रिकेट के नियमों को दिए गये अपने बयान के चलते चर्चा में बने हुए है. उन्हें भले ही वेस्टइंडीज़ दौरे के लिए टीम में शामिल कर लिया गया है लेकिन काफी समय से टीम से बाहर चल रहे अश्विन (R. Ashwin) ने अब वनडे क्रिकेट को लेकर एक बड़ा बयान दिया है.
ODI क्रिकेट मैच पूरा देखना मुश्किल – R. Ashwin
आज के समय में वाइट बॉल क्रिकेट बल्लेबाजों का खेल कहा जाने लगा है. जहाँ पर एक समय 300 रन बनाना मुश्किल होता था वही पर आजकल टीमें 400 रन का भी आंकड़ा भी पार कर लेती है. ऐसे में गेंदबाजों की ज्यादा इकॉनमी रेट को देखते ही आर. अश्विन (R. Ashwin) ने पॉडकास्ट में कहा,
“यह रेलिवेंस की बात है और मुझे लगता है कि वनडे क्रिकेट को अपनी रेलिवेंस तलाशनी होगी. उसे अपनी जगह बनानी होगी. वनडे क्रिकेट की सबसे बड़ी खूबसूरती यह थी कि इसमें उतार-चढाव होता था. लोग समय लेते थे और खेल को अंत तक ले जाते थे. इस फॉर्मेट में गेंदबाज़ अपना धाक जमाते थे. क्रिकेट को खेलने और पसंद करने के बावजूद एक समय के बाद मैं टीवी बंद कर देता हूं. ये इस फॉर्मेट के लिए काफी डरावनी बात है. जब उतार-चढ़ाव नहीं होते हैं तो ये क्रिकेट नहीं रहता. यह T20 का विस्तारित रूप है.”
एक गेंद का इस्तेमाल कारगार – दिया ये अहम सुझाव
वनडे क्रिकेट में दो गेंदों के इस्तेमाल के बाद से काफी बदलाव देखने को मिला है. पुरानी गेंद से मैच में आपको रिवर्स स्विंग काफी देखने को मिलती थी अब एक और नयी गेंद के साथ गेंदबाजों के लिए कुछ ख़ास नहीं रह जाता है. उन्होंने कहा, “मुझे (R. Ashwin) लगता है कि एक गेंद का इस्तेमाल ऐसा था, जो कारगर साबित हो सकता है. इससे गेम के अंत में स्पिनरों का रोल अहम हो जाएगा. इससे बोलर्स को रिवर्स स्विंग भी मिलेगा जो खेल के लिए काफी अहम है. हमें उस तरह की गेंदों का इस्तेमाल करना चाहिए जो 2010 में इस्तेमाल होती थी. मुझे नहीं लगता कि अब वो गेंदें इस्तेमाल होती हैं.”
आर. अश्विन का क्रिकेट करियर
अश्विन (R. Ashwin) ने इंडिया के लिए साल 2010 में अपना डेब्यू किया था. उन्होने अभी तक इंडिया के लिए 86 टेस्ट, 113 वनडे और 51 टी20 खेले है. एक अनुभवी स्पिनर के तौर पर अश्विन टेस्ट क्रिकेट के सबसे बेहतरीन इंडियन स्पिनर भी साबित होते है. 86 टेस्ट मैचों में उन्होंने 442 विकेट अपने नाम किये है. इसके अलावा उन्होंने 5 शतक और 12 अर्धशतक के साथ 2931 रन भी बनाये है. वनडे में उन्होंने 113 मैचों में 151 विकेट तथा 51 टी20 मैचों में 61 विकेट अपने नाम दर्ज किये है.